Relieve Stress: आज के युग में अधिकांश लोग मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं। मानसिक तनाव हमारे मन की सोच और उपज है।
मानसिक तनाव के मुख्य कारण (Main Reason Of Stress)
- शरीर की व्याधियों यानी बीमारीयों की वजह से होता है।
- सम्बंधों में टकराव की वजह से होता है।
- जीवन के प्रति नकारात्मक सोच से होता है।
- आशा से विपरीत परिस्थितियां का सामना करना पड़े तो होता है।
बीमार शरीर की वजह से तनाव (Stress due to unhealthy body)
आज शारीरिक व मानसिक के रोगों में काफी वृद्धि हो रही है जिसका एक मुख्य कारण है प्रकृति के सिद्धांतो की अवहेलना। अपने खान पान को प्रकृति के सिद्धांतो के अनुसार न करना। इनमें ज्यादातर शारीरिक बीमारियां ठीक हो सकती हैं –
- खानपान को बदलने से और ज्यादा प्राकृतिक भोजन करने से।
- चार से पांच दिन का उपवास करने से (फल आहार / रस आहार)
- नियमित योग अभ्यास, षट्कर्म, प्राणायाम व ध्यान को अपनाने से
- पके हुए भोजन के बजाय प्राकृतिक और सात्विक भोजन का इस्तेमाल करने से
इन से शरीर के साथ मन भी शुद्ध होता है और नकारात्मक सोच का भी ह्रास होता है।
सम्बंधो के टकराव से छुटकारा
अक्सर हम अपने अंह / अभिमान की वजह से इसके शिकार हो जाते हैं। मानसिक तनाव से छुटकारा लेने के लिए हमें दोनों भौतिक और सूक्ष्म शक्तियों के विकास पर कार्य करना होगा। बुद्धि के विकास के लिए हमें ध्यान लगाना होगा। ध्यान (meditation) द्वारा ही हमें प्रकाश / ऊर्जा मिलती है। मन स्वच्छ बनने से शरीर स्वस्थ रहता है। हमारे अंदर द्वेष, कुंठा, गुस्सा धीरे धीरे खतम होता जाता है। हमारी की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ जाती है, यादाश्त बढ़ जाती है। सब कार्यों में सफलता मिलने लगती है।
हर व्यक्ति को शांतिपूर्ण व तनाव मुक्त व्यवहार दूसरों के साथ करना चाहिए। पतंजलि ऋषि के योगसूत्र भी सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करते हैं योग द्वारा ही हमारा आचरण शुद्ध होगा, परिवार में एकता और शान्ति आएगी, समाज का कल्याण होगा, और तनाव दूर हो जाएगा।
नकरात्मक सोच (Negative thinking)
नकरात्मक सोच एक भयंकर व्याधि है जो मन की उपज है। नकरात्मक सोच (negative thinking) नकरात्मक ऊर्जा (negative energy) पैदा करती है और हमारी अवरोधक शक्ति को कमजोर बनाती है। खुशी के हार्मोन्स जैसे का स्राव कम हो जाता है और मनुष्य शीघ्र बीमार हो जाता है। नकरात्मक सोच के आने से मनुष्य के पांचो शत्रु काम, क्रोध, लोभ, मोह व अंहकार घेरा डाल लेते हैं और मनुष्य का जीवन नरकीय होने लगता है। ध्यान से हो हम अपने मन को शुद्ध कर सकते हैं और अपनी विवेक शक्ति बढ़ा सकते हैं ताकि नकरात्मक सोच मन में उपजे ही नहीं।
विपरीत परिस्थिति में क्या करें (what to do in adverse situation)
तनाव को जल्दी कैसे दूर करें (how to relieve stress quickly): विपरीत स्तिथियां आने पर घबराना नहीं है और शान्ति के साथ शवासन में लेटकर आंखें बंद करके सारी स्थिति का अवलोकन करें और देखें समस्या को कैसे निबटा जाए। एकांत में ध्यान लगा कर भी बैठ सकते हैं और प्रभु समर्पण करते हुए परिस्थिति का अवलोकन करें।
योग साधना के माध्यम से तनाव दूर करें (relieve stress through yoga)
योग साधना को अपनाने से व्यक्ति का जीवन योगमयी हो जाता है और वह सुख दुःख में एक जैसा रहता है। सफलता असफलता के लिए वह तैयार रहता है। वह विषम परिस्थितियों में कभी घबराता नहीं और ईश्वर को समर्पण करते हुए अपने कर्मों मे लीन रहता है ऐसे योग साधक को पता है की मेहनत के बाद भी सफलता न मिलने का मतलब है पुराने संस्कार जिन का भुगतान इस जीवन में करना ही है, इसलिए वह अपने कर्मों में लीन रहता है और असफलता मन में तनाव नहीं उत्पन्न करती है। ऐसे में वह कर्म और पुरूषार्थ द्वारा अपना भाग्य भी बदल देता है।
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